- महिला सरोकारों पर वैचारिक सैद्धांतिक विमर्श और धरातल पर काम करने के लिए रखे विचार!
मनोज नौडियाल
कोटद्वार। महिला उत्तरजन समूह के द्वारा मेहरबान सिंह कंडारी सरस्वती विद्या मंदिर कोटद्वार में एक बैठक रखी गई। जिसमें महिला सरोकारों पर वैचारिक सैद्धांतिक विमर्श और धरातल पर काम करने के लिए अपने विचार रखे गए।
महिला उत्तरजन समूह के प्रणेता लोकेश नवानी ने स्त्री के बौद्धिक, वैचारिक ताकत को ही श्रेष्ठ बताया उन्होंने कहा कि संतुलित समाज और सभ्य दुनिया के लिए स्त्री का भौतिक वैचारिक स्तर पर ताकतवर होना अति आवश्यक है। अशिक्षा, अवैज्ञानिकता के कारण स्त्री पिछड़ती है। स्त्री के उत्कर्ष में यह सबसे बड़ी बाधाएं हैं, बेहतर भविष्य के लिए विचारवान, वैज्ञानिक दृष्टि संपन्न और तर्कशील स्त्री के निर्माण की आवश्यकता है।
बैठक की अध्यक्षता कर रही डॉ शोभा रावत ने कहा कि समूह की सार्थकता तभी है जब वह महिलाओं को सही वैचारिक दिशा में ले जाए एवम मानसिक तथा बौद्धिक विकास में सहायक बने। डॉ सुमन कुकरेती ने अपने विचार रखते हुए कहा कि समकालीन चेतना एवं आधुनिक मानवीय मूल्यों का बोध अत्यावश्यक है। सिद्धि नैथानी ने कहा कि चेतनसंपन्नता एवं जागरूकता की पहल अपने आसपास से ही करनी होगी ।
कविता नेगी ने कहा कि बालक - बालिका दोनों को समान परिवेश देना अति आवश्यक है। राकेश मोहन ध्यानी ने विचार साझा करते हुए बताया कि महिला संचेतना के लिए पहल अति आवश्यक है। निशा नेगी ने कहा कि नई पीढ़ी का मार्गदर्शन कर बेहतर भविष्य का मार्ग दिखाना अत्यावश्यक है।
रोहित डंडरियाल ने अपने विचार रखते हुए कहा कि एकजुट व संगठित होकर सशक्त एवं चेतना से लोगों को जोड़कर बेहतर कल का वातावरण तैयार किया जा सकता है। डॉ रश्मि बहुखंडी ने विचार साझा करते हुए कहा कि पश्चिमीकरण को अपनाना आधुनिकता नहीं है बल्कि वैचारिक दिशा में खुद को सक्षम करना अति आवश्यक है।
बैठक में मौजूद प्रियंका यादव, नर्मिता ध्यानी, ईशा चौधरी, शालिनी नेगी, शुभम सुयाल एवम आशीष सिंह रावत ने भी अपने विचार रखे। बैठक में यह भी तय किया गया कि आगामी 5 मार्च को महिला चेतना के गीतों का एक कार्यक्रम किया जाए।
इसके लिए शीघ्र ही एक कार्यकारिणी समिति गठित की जाएगी साथ ही संस्था से नए चेतनाशील और महिला सरोकारों पर काम करने के इच्छुक लोगों को जोड़ने का भी आह्वान किया!!!
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