मनोज नौडियाल
टिहरी। विश्व रेडियो दिवस पर पर्यावरणविद् वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी ने राइका मरोड़ा के छात्र-छात्राओं को रेडियो के बारे में बताते हुए कहा 2010 में स्पेन रेडियो अकादमी ने 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा और 2011 में यूनेस्को के सदस्य देशों ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया तथा 2012 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व रेडियो दिवस के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी तब से 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाया जाता हैं इस वर्ष "रेडियो और शांति" थीम के साथ मनाया जाएगा।
ये भी पढ़ें: यूथ कांग्रेस, एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने महाविद्यालय कण्वनगरी कोटद्वार में पार्टी के निजी कार्यक्रम पर जताया विरोध; प्राचार्य से की वार्ता! देखें
वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी कहते हैं गांव में सशक्त संचार के साधनों में रेडियो हुआ करता था रेडियो से जहां आपदा, आपात कालीन सूचनाओं से जन जन को जागरूक किया जाता था वही मनोरंजन का सशक्त माध्यम था रेडियो। कहा हमारे गांव में जब विवाह होता था तो शगुन के तौर पर दूल्हे को रेडियो देते थे वक़्त के साथ जहां रेडियो की प्रासंगिकता कम हुई हैं वही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के तहत जन जन को रेडियो से जोड़ा हैं आज भारत के लोगों को माह के अंतिम रविवार का इंतजार रहता हैं किसी को अपने भेजे संदेशों का तो किसी को नई योजनाओं का।
रेडियो को जनभावनाओं से जोड़कर स्थापित करने का श्रेय "मन की बात" कार्यक्रम के तहत भारत के प्रधानमंत्री को जाता हैं। इंद्रदेव वशिष्ठ ने छात्रों को संबोधन में कहा रेडियो ज्ञान का बहुत की उपयोगी साधन था जिसका उपयोग हर बच्चे को करना चाहिए। कार्यक्रम में गिरीश कोठियाल, नवीन भारती, अंकिता, साक्षी, पूजा, प्रतिमा, ज्योति, पायल, किरन, सीता, तनिशा, महेश, आशीष, प्रिंसराज, हरेन्द्र सिंह, योगेंद्र सिंह, हरीश, रोहित, तेजेन्द्र आदि उपस्थित थे!!!
0 टिप्पणियाँ