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मनरेगा कर्मियों को उचित मानदेय दिलाने की मांग को लेकर कांग्रेस नेत्री का सीएम को पत्र! प्रतिवर्ष 10% मानदेय बढ़ाने के साथ हिमाचल पैटर्न की तर्ज पर कर्मचारी घोषित करने की कही बात. पढ़िए पूरी ख़बर.....

मनरेगा कर्मियों को उचित मानदेय दिलाने की मांग को लेकर कांग्रेस नेत्री का सीएम को पत्र! प्रतिवर्ष 10% मानदेय बढ़ाने के साथ हिमाचल पैटर्न की तर्ज पर कर्मचारी घोषित करने की कही बात. पढ़िए पूरी ख़बर.....

मनोज नौडियाल 

रंजना रावत
 कोटद्वार: भारतीय राष्ट्रीय   कांग्रेस की प्रदेश महामंत्री   श्रीमती रंजना रावत ने प्रदेश   में मनरेगा कर्मियों के मानदेय   में अनियमितता के साथ ही   उनके शोषण के विरोध में   आक्रोश व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री उत्तराखंड पुष्कर सिंह धामी को इस प्रकरण में अति शीघ्र मनरेगा कर्मियों को इंसाफ दिए जाने की मांग को लेकर एक पत्र लिखा है। 

बता दें कि सर्वप्रथम रंजना ने राज्य के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने वाले पुष्कर सिंह धामी को शुभकामना दी व आशा जताई कि वे राजनीतिक विचारधारा और पार्टी पॉलिटिक्स से ऊपर उठकर राज्य के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखकर कार्य करते हुए एक युवा सीएम होने के नाते युवा उत्तराखंड को हर क्षेत्र में नई ऊर्जा के साथ बेहतर दिशा देंगे। कांग्रेसी नेत्री रंजना ने मनरेगा कर्मियों की समस्याओं को उठाते हुए मुख्यमंत्री को दिए गए पत्र में कहा है कि वर्ष 2008 में एक एनजीओ के द्वारा मनरेगा कर्मियों की नियुक्ति ठेकेदारी प्रथा के द्वारा की गयी थी। सरकार ठेकेदार को पेमेंट करती है और फिर ठेकेदार मनरेगा कर्मियों को उनका मानदेय देता है। जिसका विरोध मनरेगा कर्मियों ने कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भी किया और इस पर तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने संज्ञान लेकर मनरेगा कर्मियों का प्रति वर्ष 10% मानदेय बढ़ाने का शासनादेश पास किया था। लेकिन मनरेगा कर्मियों के मानदेय और उनकी नियुक्ति को लेकर पारदर्शिता अभी तक नहीं बन पाई है। जिसके कारण मनरेगा कर्मियों का शोषण लगातार जारी है। अब उन्होंने मांग करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश की तरह उत्तराखंड राज्य में भी मनरेगा कर्मियों को कर्मचारी घोषित किया जाए साथ ही उन्हें नियुक्ति प्रदान करें। उन्होंने कहा कि जहां 200 मनरेगा वर्करों के ऊपर एक मनरेगा कर्मी की नियुक्ति की गई है। इस बड़ी संख्या के मानक को कम करके मनरेगा कर्मियों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए और ठेकेदारी प्रथा से मनरेगा कर्मियों को मुक्त किया जाना चाहिए। उनका प्रतिवर्ष 10% मानदेय बढ़ाया जाना चाहिए। इस पर राज्य सरकार को शासनादेश जारी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ सरकार सबको रोजगार देने की बात करती है। वहीं रोजगार को लेकर सरकार की नीति में बदलाव होना भी जरूरी है। जिससे अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सके। कांग्रेस नेत्री ने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तराखंड से अपील कि की शीघ्र ही मनरेगा कर्मियों की समस्याओं का समाधान उनके द्वारा किया जाएगा और ग्रामीण उत्तराखंड में स्वरोजगार और साथ ही गांव के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाकर ग्रामीण उत्तराखंड के लोगों को लाभान्वित करने का प्रयास किया जाएगा। 

ABN AAWAZ NEWZ

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