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संस्कृत सप्ताह समारोह के उपलक्ष्य में महाविद्यालय कोटद्वार में संस्कृत विभाग के द्वारा संस्कृत निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन! देखें


 
मनोज नौडियाल

कोटद्वार..... संस्कृत सप्ताह समारोह के उपलक्ष्य में डॉ पी० द० ब० राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार के संस्कृत विभाग के छात्र- छात्राओं द्वारा दिनांक ०८ .०८ २०२२ को संस्कृत निबन्ध प्रतियोगिता जिसका शीर्षक संस्कृत भाषायाः प्रासंगिकता, तथा १०.०८.२०२२ को श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता, संस्कृत लघु प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता और संस्कृत प्रदर्शिनी का आयोजन किया गया। संस्कृत प्रदर्शिनी में विद्यार्थियों द्वारा दैनन्दिन जीवन में प्रयुक्त होने वाले घरेलू तथा अन्य वस्तुओं का संस्कृत में नाम लिखकर संस्कृत विषयक जागरूकता प्रचारित की गयी सभी प्रतियोगिताओ में छात्र- छात्राओं ने बढ़ -चढ़ कर प्रतिभाग किया।

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 श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर कु. प्रकृति बी. ए. प्रथम सेम., द्वितीय स्थान पर खुशनुमा एम. ए. चतुर्थ सेम, तृतीय स्थान पर आँचल एम. ए. चतुर्थ सेम रहे । इसी क्रम में निबन्ध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर कु. आँचल एम. ए. चतुर्थ सेम. द्वितीय स्थान पर कु. मीनाक्षी एम. ए. चतुर्थ सेम., तृतीय स्थान पर खुशनुमा. एम. ए. चतुर्थ सेम. रहीं । संस्कृत लघु प्रश्नोत्तरी में प्रथम स्थान पर कु आँचल एम. ए. चतुर्थ सेम, द्वितीय स्थान पर शुभांगी एम. ए. चतुर्थ सेम, तृतीय स्थान पर कु. प्रकृति बी. ए. प्रथम सेम. रही।

महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य प्रो. ऍम. डी. कुशवाहा ने अपने सम्बोधन में विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए संस्कृत भाषा की प्राचीनता और गौरव की गरिमामय इतिहास की जानकारी दी, विज्ञान और कम्प्यूटर में संस्कृत भाषा के महत्व को बतलाते हुए वेद आदि के साउंड सिस्टम की ओर छात्रों का ध्यान आकर्षित किया गया, साथ ही अपने कविता के माध्यम से माँ गंगा की यात्रा का चित्र उकेरा गया जिसकी पक्तियां थी – शुभ अविरल पावन जल धारा, शीश जटा शिव से बहती जो न्यारा| प्रियम शिवम पावन पार्वती, अप्रतिम सदा जगत शुभकारी.... ।


     कार्यक्रम की समन्वयक संस्कृत विभाग प्रभारी डॉ. अरुणिमा ने ‘‘संस्कृत समस्त भाषाओँ की जननी है” कहकर वर्तमान में संस्कृत की उपयोगिता और आवश्यकता को बताते हुए संस्कृत सप्ताह समारोह में होने वाली विभिन्न प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने और नूतन कार्य संस्कृत प्रदर्शिनी की भूरि भूरि प्रशंसा की।


   कार्यक्रम का संयोजक डॉ. रोशनी असवाल द्वारा समस्त प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए संस्कृत के महात्म्य पर प्रकाश डालते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया गया । इस अवसर पर डॉ. प्रियम अग्रवाल ने भी अपने विचार व्यक्त कर प्रतिभागियों को ऐसे कार्य करने हेतु उत्साहित किया। इस अवसर पर डॉ पी. एन. यादव, प्रो. अनुराग अग्रवाल, डॉ संजीव, डॉ योगिता, डॉ नीता, डॉ रंजना, आदि उपस्थित थे !!!

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