मनोज नौडियाल
ओखलकांडा (नैनीताल)। "हजारों ग़म हो फिर भी मैं खुशी से फूल जाता हूँ, जब हँसती है मेरी मां मैं हर ग़म भूल जाता हूँ"....
पहाड़ के बच्चों के साथ अक्सर मां की यादों का सफ़र जीवनभर रहता है, अक्ल आने पर वह इन यादों के आगे-पीछे के कठिन संघर्ष को समझता है और बुनता है
अनेकों कहानियां हैं पहाड़ की एक मां और बच्चे की। ऐसी ही एक कहानी को HPH ENTERTAINMENT की पूरी टीम गीत के माध्यम से हम सबके बीच 24 सितंबर 2022 को लेकर आ रही हैं।
ये भी पढ़ें: कैंट क्षेत्र के विकास कार्यों को लेकर मंत्री गणेश जोशी ने की बैठक! देखें
इस गीत में बताया गया है कि कैसे पहाड़ का लड़का दूर विदेश में रहता है और अपनी मां की याद आने पर क्या-क्या सोचता है। इस गीत को अपना मधुर स्वर दिया है हिट कुमाऊँनी गीत "सरूली" के गायक लोकेश चन्द्र ने और इसके लेखक गीता धौलाखण्डी है, बतौर लेखिका यह गीता का पहला कुमाऊँनी गीत है, जो मां पर आधारित है। इसमें संगीत विनोद पांडेय ने दिया है।
निर्माता हैरी आर्यन सह निर्माता तनु श्री और पूरी HPH ENTERTAINMENT की टीम के सहयोग से हुआ है।
यह गीत 24 सितंबर 2022 को यूट्यूब चैनल HPH ENTERTAINMENT से रात को 8 बजे रिलीज होगा।इस गीत से हर एक बच्चे जो अपनी मां से दूर रहते हैं, उन सबको अपनी मां की एक ठोस याद ताजा हो जाएगी है। मां के गीतों में उसके बच्चे के लिये स्नेह को बेहतरीन ढंग से कहा गया है!!!
1 टिप्पणियाँ
Waiting
जवाब देंहटाएं